Thursday, 27 April 2017

जेईई मेन—2017 टॉपर कल्पित वीरवाल की सफलता की कहानी

जेईई मेन—2017 टॉपर कल्पित वीरवाल आज के दौर में तेजी से बढ़ रहे महंगे मोबाइल रखने और सोशल साइट्स जैसे शौक से दूर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग तब तक ही करना चाहिए जितनी उसकी आपको जरूरत है।एक साधारण से मेल नर्स पुष्करलाल वीरवाल और शिक्षिका पुष्पा वीरवाल के बेटे कल्पित वीरवाल ने खास बातचीत के दौरान बताया कि आज उन्हें 360/360 अंक हासिल कर जो भी सफलता मिली है, उसके लिए सबसे पहले मातापिता का धन्यवाद देते हैं।
कल्पित का कहना है कि उनके समर्पण और बेटे पर उनका विश्वास उन्हें जीत के करीब लेकर गया। इसके बाद उन्होंने हर वो बात फॉलो की जो अक्सर स्कूलों में शिक्षकों की जुबां से हर स्टूडेंट के लिए निकलती है। कल्पित जेईई एडवांस में अच्छे नंबर हासिल करके आईआईटी बॉम्बे कम्प्यूटर साइंस में प्रवेश लेना चाहते हैं। इससे पहले कल्पित ने 10वीं कक्षा में भी 10/10 सीजीपीए हासिल किया है।
कल्पित ने फिजिक्स, मैथ्स और कैमिस्ट्री तीनों सब्जेक्ट में 120 में से 120 नंबर प्राप्त किए हैं। कल्पित ने एनटीएसई के प्रथम चरण में भी राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया था। बचपन से ही अच्छी बातों के प्रति जागरूक रहने वाले कल्पित ने बताया कि उन्होंने किसी भी दिन, चाहे वो किसी भी कक्षा की परीक्षा हो उसकी तैयारी नियमित तौर पर की। चाहे उन्हें इसके लिए रोजाना एक घंटा मिला तो एक घंटे पढ़ा और ज्यादा समय मिला तो ज्यादा घंटे पढ़ाई की।
हालांकि, औसतन रोजाना छह घंटे की पढ़ाई को उन्होंने किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए पर्याप्त बताया। कल्पित ने अपने रोल मॉडल के रूप में अपने बड़े भाई हार्दिक का अनुसरण किया। हार्दिक वर्तमान में एम्स में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।

पिता के साथ क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक रखने वाले कल्पित परीक्षा में अपना अलग मुकाम हासिल करने के लिए सेल्फ स्टडी को महत्व देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बताए अनुसार नोट्स को पूरी समझ से अध्ययन करना जरूरी है।


0 comments:

Post a Comment