Library Programme
LIbrary Celebration
Library Activity
Special Talk
Tuesday, 21 November 2017
Friday, 6 October 2017
Tuesday, 3 October 2017
Monday, 25 September 2017
Saturday, 23 September 2017
स्वस्थ्य बच्चें स्वस्थ भारत
06:44
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स्वस्थ्य बच्चें स्वस्थ भारत कार्यक्रम के तहत आज केन्द्रीय
विद्यालय रायवाला में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्राचार्य श्री बख्ते
मुनीम ने इस अभियान के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला और बताया कि स्वस्थ्य बच्चें
ही स्वस्थ भारत की नीव है और के वि के सभी बच्चों का एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया
जायेगा जिसमें बच्चें के स्वास्थ्य की सभी जानकारी स्कूल दर्ज करेगा और अभिभावकों
को भी इस रिपोर्ट से परिचित कराया जायेगा | सुश्री अरुणा त्रिपाठी, श्री बिजेंद्र सिंह और श्री
जनार्दन ध्यानी ने विस्तार से सभी शिक्षकों को समझाया कि कक्षा एक से चार तक के
बच्चों की 16
गतिविधियों द्वारा और
कक्षा 5 से 12 तक के बच्चों की 7 गतिविधियों द्वारा
स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा | ब च्चों का स्वास्थ्य BMI
के आधार पर भी जांचा जाएगा |DIGITAL LIBRARY WORKSHOP AT ZIET CHD
06:40
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Three days workshop was conducted at ZIET Chandigarh (19-21 Sep 2017) on Institutional Repositary in KV Library. In this workshop an open source software Green Stone Digital Library (GSDL) teach by Sh Neeraj Singh , Sr. Asst Librarian Punjab University. there were 23 KV Librarian . The participants could know how to customize this software.
Wednesday, 13 September 2017
शैक्षणिक साझा कार्यक्रम में राजकीय इंटर कालेज के विद्यार्थी
01:30
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राजकीय इंटर कालेज
रायवाला के छात्र छात्राओं ने बुधवार कों साझा शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत केंद्रीय
विद्यालय रायवाला का दौरा किया और इस दौरान विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया |
उन्होंने के वि रायवाला कि कम्प्युटर प्रयोगशाला , भौतिकी प्रयोगशाला, रसायनिक
प्रयोगशाला, खेल विभाग और पुस्तकालय का दौरा कर विभिन्न जानकारियों कों जुटाया और
अपने जीवन में कुछ नया करने के लिये
प्रेरणा ली |
राजकीय इंटर कालेज के प्रवक्ता श्री एस एस राणा व श्रीमती मंजू उनियाल
के नेतृत्व कक्षा १२ व ११ के 3० बच्चों
ने इस शैक्षणिक भ्रमण में हिस्सा लिया और के वि रायवाला की प्रयोगशालाओं और
पुस्तकालय का दौरा कर विभिन्न जानकारी जुटाई | साइंस के छात्र हिमांशु सैनी ने
पुस्तकालय में प्रेमचंद द्वारा लिखित गोदान पढ़ने की इच्छा जताई तो वही रिशिका
कंप्यूटर लैब देखकर रोमांचित हो उठी | इस दौरान दोनों विद्यालयों के बच्चों ने आपस
में समान रूचि वाले विषयों पर चर्चा भी की और साथ में जल पान ग्रहण किया | इस
भ्रमण में अनुज सिंह, अनूप सिंह, दीपक राणा, शिवम चौहान, विकास चौहान, अजय चौहान,
गौरव,अश्सिश शर्मा, हिमांशु चौहान, प्रदीप कुमार, अमित कुमार, अनुज क्षेत्री,
सुमित शर्मा, श्रीकांत चंद, वंदन रावत, सीमा, संतोषी थापा, आशा पुंडीर, करिश्मा,
मीनक्षी,पूजा, साक्षी, निकिता, शिवानी, सिमरन श्वेता, अंजली चौहान, और शिखा आदि ने
हिस्सा लिया |
विद्यालय के प्राचार्य बख्ते मुनीम ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय
संगठन मुख्यालय द्वारा जारी आदेशानुसार के वि कों अपने निकटतम राजकीय विद्यालयों
के साथ मिलकर साझा शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित करना है ताकि राजकीय
विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चें भी प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ें और यह
जान सके कि शैक्षणिक क्षेत्र में नई तकनीक कों किस तरह से प्रयोग किया जा रहा है
और इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किये
जा रहे है | उन्होंने कहा कि सभी बच्चों कों सामान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलना
चाहिये जिससे देश की तरक्की सुनिश्चित हो सके |
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक आर एस खत्री , उप प्राचार्य प्रवीण
नायडू, एम एस रावत, ए के वर्मा, जनार्धन ध्यानी , जी एस चौहान और सुनील सैनी
उपस्थित थे |
Wednesday, 6 September 2017
राष्ट्रीय पुस्तक मेला देहरादून
09:23
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राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन देहरादून में दिनांक 28 अगस्त 2017 से 5 सितम्बर 2017 तक आयोजित किया गया | के वि रायवाला की टीम भी जिसमे श्री अनिल कुमार वर्मा , श्रीमति सुनीता गुप्ता और श्री सुनील सैनी ने इस मेले में शिरकत की और बच्चों के लिए 230 किताबे खरीदी | इस मेले में नामचीन प्रकाशक जैसे नेशनल बुक ट्रस्ट, विले प्रकाशक, सस्ता प्रकाशन, प्रभात, राजपाल एंड संस , अमर चित्र कथा, आदि करीब 60 प्रकाशकों ने हिस्सा लिया | इस तरह के आयोजनों से लोगो में पढने की आदतों का विकास होता है |
Monday, 4 September 2017
5 सितम्बर -शिक्षक दिवस
01:40
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Sarvepalli Radhakrishnan (5 September 1888 –
17 April 1975) was an Indian philosopher and statesman who was
the first Vice President of
India (1952–1962) and the second President of India from
1962 to 1967
One
of India's most distinguished twentieth-century scholars of comparative
religion and philosophy , his academic appointments included the King
George V Chair of Mental and Moral Science at the University of
Calcutta (1921–1932) and Spalding Professor of Eastern Religion and Ethics at University of Oxford (1936–1952).
His
philosophy was grounded in Advaita Vedanta,
reinterpreting this tradition for a contemporary understanding. He
defended Hinduism against "uninformed Western criticism", contributing
to the formation of contemporary Hindu identity. He has been influential
in shaping the understanding of Hinduism, in both India and the west, and
earned a reputation as a bridge-builder between India and the West.
Radhakrishnan
was awarded several high awards during his life, including a knighthood in
1931, the Bharat Ratna, the
highest civilian award in India, in 1954, and honorary membership of the
British Royal Order of Merit in
1963. Radhakrishnan believed that "teachers should be the best minds in
the country". Since 1962, his birthday is celebrated in India as Teachers' Day on 5 September.
Monday, 28 August 2017
29 अगस्त - राष्ट्रीय खेल दिवस
20:21
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मेजर
ध्यानचंद सिंह (29 अगस्त, 1905 -3 दिसंबर, 1979) भारतीय फील्ड हॉकी के
भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे। भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों
में उनकी गिनती होती है। वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के
सदस्य रहे ( जिनमें 1928 का एम्सटर्डम
ओलोम्पिक,
1932 का लॉस एंजेल्स
ओलोम्पिक एवं 1936 का बर्लिन ओलम्पिक)। उनकी जन्मतिथि को भारत में "राष्ट्रीय
खेल दिवस" के के रूप में मनाया जाता है। उनके छोटे भाई रूप सिंह भी अच्छे हॉकी खिलाड़ी थे जिन्होने ओलम्पिक
में कई गोल दागे थे।
उन्हें हॉकी का जादूगर ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को
उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें 1956 में भारत के
प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बहुत से
संगठन और प्रसिद्ध लोग समय-समय पर उन्हे 'भारतरत्न'
से सम्मानित करने की
माँग करते रहे |
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त सन् 1905 ई. को इलाहाबाद में हुआ था।
उनके बाल्य-जीवन में खिलाड़ीपन के कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते थे। इसलिए कहा
जा सकता है कि हॉकी के खेल की प्रतिभा जन्मजात नहीं थी, बल्कि उन्होंने सतत साधना, अभ्यास, लगन, संघर्ष और संकल्प के सहारे यह प्रतिष्ठा अर्जित
की थी। साधारण शिक्षा प्राप्त करने के बाद 16 वर्ष की
अवस्था में 1922 ई. में दिल्ली में प्रथम
ब्राह्मण रेजीमेंट में सेना में एक साधारण सिपाही की हैसियत से भरती हो गए। जब 'फर्स्ट ब्राह्मण रेजीमेंट' में भरती हुए उस समय तक उनके मन में हॉकी के
प्रति कोई विशेष दिलचस्पी या रूचि नहीं थी। ध्यानचंद को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित
करने का श्रेय रेजीमेंट के एक सूबेदार मेजर तिवारी को है। मेजर तिवारी स्वंय भी
प्रेमी और खिलाड़ी थे। उनकी देख-रेख में ध्यानचंद हॉकी खेलने लगे देखते ही देखते
वह दुनिया के एक महान खिलाड़ी बन गए। सन् 1927 ई. में लांस नायक बना दिए गए। सन् 1932 ई. में लॉस ऐंजल्स जाने पर नायक
नियुक्त हुए। सन् 1937 ई. में जब भारतीय हाकी दल के कप्तान थे तो
उन्हें सूबेदार बना दिया गया। जब द्वितीय महायुद्ध प्रारंभ हुआ
तो सन् 1943 ई. में 'लेफ्टिनेंट' नियुक्त हुए और भारत के स्वतंत्र होने पर सन् 1948 ई. में कप्तान बना दिए गए। केवल हॉकी के खेल के
कारण ही सेना में उनकी पदोन्नति होती गई। 1938 में उन्हें 'वायसराय का कमीशन' मिला और वे सूबेदार
बन गए। उसके बाद एक के बाद एक दूसरे सूबेदार, लेफ्टीनेंट और
कैप्टन बनते चले गए। बाद में उन्हें मेजर बना दिया गया।
राष्ट्रीय
खेल दिवस घोषित किया गया है। इसी दिन खेल
में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार
प्रदान किए जाते हैं। भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित
किया था।
Monday, 14 August 2017
MEETING OF PTA ON " ROLE OF SOCIETY IN NATION BUILDING"
05:40
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A meeting of PTA was conducted on 14 August 2017 in Library Hall. The topic was Role of Society in Nation Building, Sh. Bakhte Muneem, Principal KV Raiwala express his views and said that this is duty of every citizen to do as per their capacity to strengthen the nation. He requested to share these points in society/ local area. Vice Principal Mr. Praveen Naidu, Mr SK Bajpayee,Mr. Upender Kumar, Mr. Sunil Saini , Mr. R S Khatri, Mr. J S Rawat, and Mr G S Cahuhan were present in this meeting.
Saturday, 12 August 2017
A visit to Book Fair on Librarian's Day i.e 12 August
04:22
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I wish to all a very happy Librarian's Day i.e.12 August. As today is holiday (Second Saturday 2017) I visit a Book Fair at Rishikesh with my son and searched many books for my students and got different ideas on representing Book Fair effectively . There were many valuable titles. I got full energy to attend this Book Fair.
12 AUGUST- HAPPY LIBRARIAN'S DAY
04:09
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National
Librarian's Day is celebrated in the school on August 12. Due to holiday (second saturday) in this year, I wish all the students and staff on the occasion of Librarian's Day. We should read daily at least 20 minutes as per our interest.
The School Book Week is also celebrated in the month of August and
the National Librarian's Day is celebrated during the Book Week Celebrations.
Various programmes are organised in the School introducing Dr. S R Ranganathan and his Five Laws of Library Science.
Promotional activities for inculcating reading habit are also organised during
this period.
The Library also organise Book Exhibition and various competitions
for the students in connection with Book Week
Tuesday, 8 August 2017
8 August- World Senior Citizen Day
05:00
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August 8, 2016 is
celebrated as ‘World Senior Citizen Day’. Most of us pray for a long life that
is healthy and free of disability or disease. But with the aging, our body
becomes weak and loses the taut muscles. We see seniors every day whose health
is being impacted by such issues as multiple medications and illnesses.
However, it is not necessary to spend the retirement days in bed or hospital.
The World Health Organization which is the UN’s directing and coordinating
authority for health related issues deserves kudos for being actively involved
in promoting public awareness and attention on the International Day of Older
Persons. Senior citizens are the jewels and pearls of the nation. It is
essential for them to take care of themselves. The population of the elderly
persons has been increasing over the years. Growing older is not a crime nor is
it an excuse to avoid modern life. Ageing is a natural process, which
inevitably occurs in human life cycle. It brings with a host of challenges in
the life of the elderly, which are mostly engineered by the changes in their
body, mind, thought process and the living patterns. For living a healthy
senior lifestyle it is essential to take care of one’s diet, physical and
mental fitness. We know that the tag senior citizen is generally given to a
person who is between 58 and 65 years of age and has superannuated from active
service. This age band fixed for retirement was based on the old system
followed decades ago when longevity was lower than 60 years. With the advance
in medical sciences and health supporting systems, longevity now goes up to 75.
We all owe senior citizens our respect and gratitude as individuals. Senior
citizens don’t have anything to prove to younger neighbours but they do have
plenty of opportunities to teach or interact with them. Rather than demoting
senior citizens to the side lines of life, let us celebrate their day and work
to enable them to more fully become integrated in society
Wednesday, 26 July 2017
26 जुलाई --जरा याद करो कुर्बानी - कारगिल विजय दिवस
12:30
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Kargil
Day or Kargil Vijay Diwas is observed to mark the end of the Kargil War. The
war that lasted about two months was fought mainly in the Kargil sector of
Jammu and Kashmir between India and Pakistan. Both sides lost many soldiers and
the war came to an end when on July 26, 1999 India fought and took command
of the outposts that had been lost to Pakistani intruders. Kargil Vijay Diwas
is observed not just in the Kargil-Dras sector but also in New Delhi where the
Prime Minister of India pays homage to the war heroes at Amar Jawan Jyoti
at India Gate
The cause of the war was
the infiltration of Pakistani soldiers and Kashmiri militants into positions on
the Indian side of the LOC, which serves as the de facto border
between the two states. During the initial stages of the war, Pakistan blamed
the fighting entirely on independent Kashmiri insurgents, but documents left
behind by casualties and later statements by Pakistan's Prime Minister and Chief of Army Staff showed involvement of Pakistani paramilitary forces,
led by General Ashraf
Rashid. The Indian
Army, later supported
by the Indian
Air Force, recaptured a
majority of the positions on the Indian side of the LOC infiltrated by the
Pakistani troops and militants. Facing international diplomatic opposition, the
Pakistani forces withdrew from the remaining Indian positions along the LOC
Wednesday, 21 June 2017
21 जून -योग दिवस
05:00
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International Yoga Day
International
Day of Yoga ( अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस): commonly
and unofficially referred to as Yoga Day, is celebrated annually on
21 June since its inception in 2015. An international day for yoga was declared
unanimously by the United
Nations General Assembly (UNGA)
on 11 December 2014.Yoga is a
physical, mental,
and/or spiritual practice attributed
mostly to India. The Indian Prime Minister Narendra Modi in his UN address suggested
the date of 21 June, as it is the longest
day of the year in the Northern Hemisphere and
shares special significance in many parts of the world.
Origin-
The
idea of an International Day of Yoga was first proposed by Narendra
Modi during his speech at the UNGA, on 27 September
2014. He stated:
Yoga is an invaluable gift of India's ancient
tradition. It embodies unity of mind and body; thought and action; restraint
and fulfilment; harmony between man and nature; a holistic approach to health
and well-being. It is not about exercise but to discover the sense of oneness
with yourself, the world and the nature. By changing our lifestyle and creating
consciousness, it can help in well being. Let us work towards adopting an
International Yoga Day.
Following
this initial proposal, the UNGA held informal consultations on the draft
resolution entitled "International Day of Yoga", on 14 October 2014.
The consultations were convened by the delegation of India.
योग का इतिहास | History of Yoga in Hindi
योग दस हजार (10,000)
वर्ष से
भी अधिक पुराना है। मननशील परंपरा का सबसे तरौताजा उल्लेख, नासदीय सूक्त में, सबसे पुराने जीवन्त साहित्य
ऋग्वेद में पाया जाता है। यह हमें फिर से सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के दर्शन कराता
है। ठीक उसी सभ्यता से, पशुपति
मुहर (सिक्का) पर योग मुद्रा में विराजमान एक आकृति है। वह उस प्राचीन काल में योग की व्यापकता की पुष्टि करता
है। हालांकि, बाद में
योग का हिस्सा बनने वाले प्रथाओं/अभ्यास का सबसे पुराना उल्लेख, प्राचीनतम उपनिषद- बृहदअरण्यक
में मिलता है। प्राणायाम के अभ्यास का इसके एक स्तवन (वेद मंत्र) में
मिलता है और प्रत्याहार का उल्लेख भी छांदोग्य उपनिषद में मिलता है। "योग" के बारे में जैसा कि आज हम इसको जानते है उसी अर्थ में, पहली बार उल्लेख शायद कठोपनिषद
में आता है । यह एक मुख्य और महत्वपूर्ण उपनिषद, यजुर्वेद की कथाशाखा के अंतिम
आठ वर्गों में पहली बार सन्निहित होता है। योग को यहाँ भीतर (अन्तर्मन) की यात्रा
या चेतना को विकसित करने की एक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है।
"योग याज्ञवल्क्य" का
प्रसिद्ध संवाद (जो बृहदअरण्यक उपनिषद में पाया जाता है), ऋषि याज्ञवल्क्य और शिष्य
ब्रह्मवादी गार्गी के बीच हुआ। इसमें कई साँस लेने के तकनीके, शारीरिक स्वास्थ्य के आसन और
ध्यान का उल्लेख है। गार्गी द्वारा छांदोग्य उपनिषद में भी योगासन के बारे में बात
की गई है।
अथर्ववेद में उल्लेखित
संन्यासियों के एक समूह - "व्रात्य"- द्वारा, शारीरिक आसन को अधिक महत्व दिया
गया है और हो सकता हे की वही आगे चलकर योगासन के रूप में विकसित हुए। यहाँ तक कि संहिताओं में भी कठोर
शारीरिक आचरण, ध्यान व
तपस्या का अभ्यास करनेवाले कई मुनियों, महात्माओं, व्रात्यों का और विभिन्न
प्राचीन साधु और संतों का उल्लेख किया गया है।
योग धीरे-धीरे एक अवधारणा के रूप में उभरा है और भगवद गीता व
महाभारत के शांतिपर्व में योग का विस्तृत उल्लेख मिलता है।
बीस से भी अधिक उपनिषद और योग वशिष्ठ उपलब्ध हैं, जिनमें महाभारत और भगवद गीता से
भी पहले से ही, उस
सर्वोच्च चेतना के साथ मन का मिलन होने को ही योग कहा गया है ।
Saturday, 17 June 2017
Monday, 1 May 2017
01 May-- International labour Day
05:00
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International Labour Day-
Oregon was the first state of the United
States to make it an official public
holiday. By the time it became an official federal
holiday in 1894,
thirty U.S. states officially celebrated Labor Day. Thus by 1887 in North America, Labor Day was an established, official
holiday but in September, not on 1 May.
1 May was
chosen to be International Workers' Day to commemorate the 4 May 1886 Haymarket
affair in Chicago.
The police were trying to disperse a public assembly during a general strike
for the eight-hour
workday, when an unidentified person threw a bomb at the police. The
police responded by firing on the workers, killing four demonstrators. The following day on 5 May in Milwaukee Wisconsin, the state militia
fired on a crowd of strikers killing seven, including a schoolboy and a man
feeding chickens in his yard.
May Day has been a focal point for demonstrations by various socialist, communist and
anarchist groups since the Second International. May Day is one of the most
important holidays in communist countries such as the People's Republic of China, North Korea, Cuba and the former Soviet Union.
May Day celebrations in these countries typically feature elaborate workforce
parades, including displays of military hardware and soldiers.
In 1955, the Catholic
Church dedicated 1 May
to "Saint Joseph the
Worker". Saint Joseph is the patron saint of workers and craftsmen, among others.
During the Cold War,
May Day became the occasion for large military parades in Red Square by the Soviet Union and attended by the top leaders of the Kremlin,
especially the Politburo,
atop Lenin's Mausoleum. It became an enduring symbol
of that period.
Today, the
majority of countries around the world celebrate a workers' day on May 1.
Thursday, 27 April 2017
जेईई मेन—2017 टॉपर कल्पित वीरवाल की सफलता की कहानी
23:00
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जेईई मेन—2017 टॉपर कल्पित वीरवाल आज के दौर में तेजी से बढ़ रहे महंगे मोबाइल
रखने और सोशल साइट्स जैसे शौक से दूर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी टेक्नोलॉजी
का प्रयोग तब तक ही करना चाहिए जितनी उसकी आपको जरूरत है।एक साधारण से मेल नर्स
पुष्करलाल वीरवाल और शिक्षिका पुष्पा वीरवाल के बेटे कल्पित वीरवाल ने खास बातचीत
के दौरान बताया कि आज उन्हें 360/360 अंक हासिल कर जो भी सफलता मिली है, उसके लिए सबसे पहले माता—पिता का धन्यवाद देते हैं।
कल्पित का कहना है कि उनके समर्पण और बेटे पर उनका विश्वास उन्हें जीत के करीब लेकर गया। इसके बाद उन्होंने हर वो बात फॉलो की जो अक्सर स्कूलों में शिक्षकों की जुबां से हर स्टूडेंट के लिए निकलती है। कल्पित जेईई एडवांस में अच्छे नंबर हासिल करके आईआईटी बॉम्बे कम्प्यूटर साइंस में प्रवेश लेना चाहते हैं। इससे पहले कल्पित ने 10वीं कक्षा में भी 10/10 सीजीपीए हासिल किया है।
कल्पित ने फिजिक्स, मैथ्स और कैमिस्ट्री तीनों सब्जेक्ट में 120 में से 120 नंबर प्राप्त किए हैं। कल्पित ने एनटीएसई के प्रथम चरण में भी राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया था। बचपन से ही अच्छी बातों के प्रति जागरूक रहने वाले कल्पित ने बताया कि उन्होंने किसी भी दिन, चाहे वो किसी भी कक्षा की परीक्षा हो उसकी तैयारी नियमित तौर पर की। चाहे उन्हें इसके लिए रोजाना एक घंटा मिला तो एक घंटे पढ़ा और ज्यादा समय मिला तो ज्यादा घंटे पढ़ाई की।
हालांकि, औसतन रोजाना छह घंटे की पढ़ाई को उन्होंने किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए पर्याप्त बताया। कल्पित ने अपने रोल मॉडल के रूप में अपने बड़े भाई हार्दिक का अनुसरण किया। हार्दिक वर्तमान में एम्स में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
पिता के साथ क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक रखने वाले कल्पित परीक्षा में अपना अलग मुकाम हासिल करने के लिए सेल्फ स्टडी को महत्व देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बताए अनुसार नोट्स को पूरी समझ से अध्ययन करना जरूरी है।
कल्पित का कहना है कि उनके समर्पण और बेटे पर उनका विश्वास उन्हें जीत के करीब लेकर गया। इसके बाद उन्होंने हर वो बात फॉलो की जो अक्सर स्कूलों में शिक्षकों की जुबां से हर स्टूडेंट के लिए निकलती है। कल्पित जेईई एडवांस में अच्छे नंबर हासिल करके आईआईटी बॉम्बे कम्प्यूटर साइंस में प्रवेश लेना चाहते हैं। इससे पहले कल्पित ने 10वीं कक्षा में भी 10/10 सीजीपीए हासिल किया है।
कल्पित ने फिजिक्स, मैथ्स और कैमिस्ट्री तीनों सब्जेक्ट में 120 में से 120 नंबर प्राप्त किए हैं। कल्पित ने एनटीएसई के प्रथम चरण में भी राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया था। बचपन से ही अच्छी बातों के प्रति जागरूक रहने वाले कल्पित ने बताया कि उन्होंने किसी भी दिन, चाहे वो किसी भी कक्षा की परीक्षा हो उसकी तैयारी नियमित तौर पर की। चाहे उन्हें इसके लिए रोजाना एक घंटा मिला तो एक घंटे पढ़ा और ज्यादा समय मिला तो ज्यादा घंटे पढ़ाई की।
हालांकि, औसतन रोजाना छह घंटे की पढ़ाई को उन्होंने किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए पर्याप्त बताया। कल्पित ने अपने रोल मॉडल के रूप में अपने बड़े भाई हार्दिक का अनुसरण किया। हार्दिक वर्तमान में एम्स में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
पिता के साथ क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक रखने वाले कल्पित परीक्षा में अपना अलग मुकाम हासिल करने के लिए सेल्फ स्टडी को महत्व देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बताए अनुसार नोट्स को पूरी समझ से अध्ययन करना जरूरी है।
Wednesday, 26 April 2017
Intellectual property rights
21:58
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Intellectual property rights
Intellectual property rights
include patents, copyright, industrial design rights, trademarks, plant variety rights, trade dress, geographical indications, and in some
jurisdictions trade secrets. There are also more specialized or derived varieties of sui generis exclusive
rights, such as circuit design rights (called mask work rights
in the US) and supplementary protection certificates for
pharmaceutical products (after expiry of a patent protecting them) and database
rights (in European law).
Objectives of intellectual property law
The stated objective of most intellectual property law (with the
exception of trademarks) is to "Promote progress." By exchanging limited exclusive rights
for disclosure of inventions and creative works, society and the
patentee/copyright owner mutually benefit, and an incentive is created for
inventors and authors to create and disclose their work. Some commentators have
noted that the objective of intellectual property legislators and those who
support its implementation appears to be "absolute protection".
"
Patents
A patent is
a form of right granted by the government to an inventor, giving the owner the
right to exclude others from making, using, selling, offering to sell, and
importing an invention for a limited period of time, in exchange for
the public disclosure of the invention. An invention is a solution to a
specific technological problem, which may be a product or a process and
generally has to fulfil three main requirements: it has to be new, not obvious
and there needs to be an industrial applicability.
Copyright
A copyright gives
the creator of an original work exclusive
rights to it, usually for a limited time. Copyright may apply
to a wide range of creative, intellectual, or artistic forms, or "works
copyright does not cover ideas and information themselves, only the form
or manner in which they are expressed
Industrial design rights
An industrial design right (sometimes
called "design right" or design patent) protects the
visual design of objects that are not purely utilitarian. An industrial design
consists of the creation of a shape, configuration or composition of pattern or
color, or combination of pattern and color in three-dimensional form containing
aesthetic value. An industrial design can be a two- or three-dimensional
pattern used to produce a product, industrial commodity or handicraft.
Plant varieties
Plant breeders' rights or plant
variety rights are the rights to commercially use a new variety of a plant. The
variety must amongst others be novel and distinct and for registration the
evaluation of propagating material of the variety is examined.
Trademarks
A trademark is
a recognizable sign, design or expression which distinguishes products or services of a particular trader from the
similar products or services of other traders.
Trade dress
Trade dress is
a legal term of art that generally refers to characteristics of the visual and
aesthetic appearance of a product or its packaging (or even the design of a
building) that signify the source of the product to consumers.